2 आदर्शवादी लोगों ने समाज के लिए क्या किया हैं ?
Answers
Answer:
here is your ans plz mark as brainleist.
Explanation:
(1)
गिन्नी का सोना पाठ के आधार पर यदि कहीं तो आदर्शवादी लोगों ने समाज के लिए बहुत कुछ किया है। आदर्शवादी लोग वह लोग होते हैं जो केवल अपने लिए नहीं सोचते बल्कि वह अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ के लिए सोचने वाले लोग होते हैं। जो सदैव दूसरों के उत्थान के विषय में सोचते हैं। आदर्शवादी लोग हमेशा दूसरों को उठाने की कोशिश में लगे रहते हैं। इससे समाज को तो भला होता ही है, लोगों को भी प्रेरणा मिलती है। जो व्यवहारिक लोग होते हैं, वह केवल अपने स्वार्थ के लिए जीते हैं। वह केवल अपने वही बातें करते हैं जो जिससे उनका मतलब सिद्ध होता हो, जबकि आदर्शवादी लोग समाज की भलाई वाली बातें करते हैं, वो ऐसे कार्य करने की कोशिश करते हैं। जिससे समाज का भला हो। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ भी यदि है तो वो केवल आदर्शवादी लोगों के कारण ही है।
(2)
वजीर अली ने कर्नल को मात अपने अदम्य साहस और वीरता से दी। वजीर अली एक जांबाज सिपाही था। उसमें हिम्मत और साहस कूट-कूट कर भरा हुआ था। अपने लक्ष्य के लिए जान की बाजी लगाने में उसे जरा भी संकोच नहीं आता था। अपने राज्य से बेदखल होने के बाद वो वो आजमगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा तथा कर्नल के खेमे में घुसकर उसने अपनी जांबाजी से कारतूस हासिल किए। यहाँ तक कि कर्नल भी उसके इस साहस को देखकर दंग रह गया। वो कर्नल से जरा भी नहीं डरा और निडर होकर अंग्रेजों के कैंप में घुसकर कारतूस हासिल किए थे। इस तरह वजीर अली अपनी वीरता और साहस से कर्नल मात देने में सफल होता है।
(3)
तताँरा-वामीरो की प्रेम कथा ने निकोबारियों के दृष्टिकोण को बदल के रख दिया। निकोबार निवासियों की गाँवों में यह परंपरा थी कि एक गाँव का युवक-युवती दूसरे गांव के युवक-युवती से विवाह नहीं कर सकते थे। तताँरा-वामीरो के बीच आपस में प्रेम होने के कारण दोनों गांव के लोगों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया, और तताँरा-वामीरो को मिलन न हो सका। इस कारण उन्होंने अपनी जान गवाँ दी। तताँरा वामीरो की इस त्यागमयी मृत्यु से निकोबारियों का दृष्टिकोण एकदम बदल गया और उन्होंने अपनी इस परंपरा को बदल डाला। वे दूसरे गांव से विवाह संबंध बनाने लगे। इस तरह तताँर-वामीरो की प्रेम-कथा ने निकोबारियों को अपनी अनुचित परंपरा को बदलने पर मजबूर कर दिया।
(4)
कई सालों से बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल दिए जा रहे थे और उसकी जमीन हथियाते जा रहे थे। इस तरफ से समुद्री सीमा से घटती जा रही थी। एक दिन समुद्र ने टांगे समेटी और फिर आकर बैठ गया और फिर खड़ा हो गया, लेकिन तब भी जगह कम पड़ने लगी तब समुद्र को गुस्सा आ गया और गुस्से में आकर उसने तीन जहाजों को उठाकर फेंक दिया।
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
कुछ संबंधित प्रश्न के लिंक्स....
(क) शिक्षा के विषय में बड़े भाई साहब के ख्यालों को व्यक्त करें I
(ख) 'गिन्नी का सोना' पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है ?
(ग) 'तताँरा - विमारो' कथा के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है ?
(घ) कर्नल अवध के तख्त पर सआदत अली को क्यों बैठाना चाहता था ?
(क) 'कारतूस' नामक पाठ के आधार पर सआदत अली का परिचय दीजिए I
(ख) 'गिन्नी का सोना' नामक प्रसंग के आधार पर गांधी जी की आदर्शवादिता के बारे में बताइए I
(ग) अरब में लश्कर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं ?
(घ) 26 जनवरी, 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या - क्या तैयारियाँ की गई ?