Hindi, asked by sk927468, 4 months ago

2. Hindi-आज हमारी जीवनशैली और विभिन्न प्रकार के मनोरंजन के साधन किस प्रकार पक्षियों के
जीवन में बाधक बन रहे हैं? सूची बनाकर लिखिए।​

Answers

Answered by T272
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1)पर्यावरण प्रदूषण बना बड़ा कारण

सुबह कभी पक्षियों की चहचाहट से होती थी। लेकिन अब धीरे-धीरे गौरेया जैसी प्रजाती लुप्त होने की कगार पर है। इसका बड़ा कारण ये है कि अब न पेड़ बचे हैं और न ही उनका कीटों से होने वाला भोजन। दुषित होती वातावरण की आबोहवा, प्रदुषित भोजन व गायब होते कीटों से पक्षियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पक्षियों की कमी तो सबने महसूस की होगी, लेकिन उनको बचाने बहुत कम लोग ही आगे आए हैं।

2)पक्षी प्रेमियों में रोष

पक्षी प्रेमियों का कहना है कि घटते जंगलों से पक्षियों का जीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है। इससे उनकी संख्या में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पेड़ों की घटती संख्या से पक्षियों को घरोंदे बनाने के लिए जगह तक नसीब नहीं हो पा रही है। इसके चलते पक्षी अपने घोंसले कहीं बिजली के खंबो पर उलझे तारों में बना रहे हैं, तो कहीं रोड़ लाइटों पर।

3)शहरीकरण से सिमट रहा जीवन

अब बाग बगीचे उजाड़़कर बहुमंजिले अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं, तो कहीं खेतोंं में कॉलोनियां बसाई जा रही है। इससे पेड़ो की लगातार कटाई हो रही है। इससे जलवायु परिवर्तन का असर पक्षियों पर साफ दिख रहा है। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि समय रहते गौरेया व तोता जैसे जीवों पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनका जीवन इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाएगा।

Answered by qwstoke
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आज हमारी जीवन शैली और विभिन्न प्रकार के मनोरंजन के साधन पक्षियों के जीवन में बाधक बन रहे है, जो नीचे दिए गए है।

शहरीकरण

  • गांव का शहरीकरण किया जा रहा है, आज शहर के बड़े बड़े उद्योगपति गांव में सस्ते दामो पर जमीन खरीदकर वहां बड़ी बड़ी इमारतें बना रहे है।
  • थियेटर, मॉल ऐसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे है जिस कारण पर्यावरण के प्राकृतिक साधन दिन ब दिन काम होते जा रहे है।

औद्योगिकरण

  • उद्योगपति जहां पर खाली जमीनें देख रहे है वह खरीदकर वहां कारखाने बना रहे है, जिससे निकलने वाले धुएं से वातावरण तो प्रदूषित हो है रहा है , जंगल नष्ट होते जा रहे है व प्राणियों के लिए रहने के लिए दुविधा हो रही है।

आधुनिकरण

  • थियेटर, मॉल, मल्टीप्लेक्स कॉम्प्लेक्स, ये सभी मनोरंजन के साधन जुटाने में व गगनचुंबी इमारतें बनाने में मानव इतना व्यस्त हो गया है कि वह यह भूल गया है कि पशु - पक्षियों के लिए खुला आसमान तक नहीं छोड़ा, बिजली की तारें आसमान छू रही है जिनसे पक्षी दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है।
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