2. इनमें से कौनसी प्रवृत्ति भारतेन्दु काल की है
(A) भाषा में लाक्षणिकता
(B) समस्यापूर्ति
(C) संस्कृत वर्ण वृत्तों का प्रयोग
(D) इतिवृत्तात्मकता
Answers
सही उत्तर है...
(B) समस्यापूर्ति
✎... दिए गए विकल्पों में से समस्या पूर्ति की प्रवृत्ति भारतेंदु काल की रही है। भारतेंदु काल की कविता में हास्य व्यंगात्मक कविताएं काफी अधिक संख्या में लिखी गईं हैं। इन कविताओं के माध्यम से सामाजिक पाखंड और कुरीतियों तथा पाश्चात्य संस्कृति पर कटाक्ष किए गए हैं। समस्या पूर्ति इस काल की विशिष्ट शैली थी और इस काल के अधिकतर कवि विविध विषयों पर तत्काल समस्या पूर्ति की कविता लिखते थे। इन कवियों में रामकृष्ण वर्मा, ब्रेनी ब्रज, प्रेमघन, प्रताप नारायण मिश्र आदि के नाम प्रमुख हैं।
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संबंधित कुछ और प्रश्न —▼
इनमें से भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की विशेषता नहीं है
(A) लोकगीत की शैली पर सामाजिक कविता
(B) प्रकृति के उद्दीपन रूप का चित्रण
(C) राष्ट्रीयता का स्वर
(D) उपरोक्त सभी
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