2. कविता की दी गई पंक्तियों की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए- प्रात हो कि रात हो, संग हो न साथ हो। सूर्य से बढ़े चलो, चंद्र से बढ़े चलो।
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इसमे ऐसा काह गया है की दिन हो या रात कोई साथ या ना हो सुर्य की तरह बढे चलो
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