(2) कवि उन लोगों के जीवन को व्यर्थ मानता है जो-
(क) पानी की तरह परिस्थितियों के सामने झुकते चले जाते हैं।
(ग) पानी की तरह जमकर स्थिर हो जाते हैं।
(3) संसार आदमी की चाल को देखकर क्यों चकित हो रहा है?
(क) जब मनुष्य अपने अनुकूल परिस्थितियां देखकर कार्य नहीं करत
(ग) आदमी के व्यवहार में उपयोगिताओं का महत्व नहीं रहा है।
(4) अपने नयन का नीर अपने आप हमको पोंछना' - का भाव है-
(क) दया की कामना करते हुए किसी की सहायता की अपेक्षा करना।
(ख) इस सत्य को समझना कि असहाय का कोई सहायक नहीं होता।
1) अपने आंसू स्वयं पोंछना किसी को अपनी कमजोरी ना बताना।
(घ) आकाश और धरती किसी के काम नहीं आते हैं वैसे ही आंसू भी दि
(5) इस काव्यांश में आंसू से संबंधित सटीक मुहावरा कौन-सा हो सक
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Explanation:
- पानी पानी की तरह परिस्थितियों के सामने झुकते चले जाते हैं
- आदमी के व्यवहार में उपयोगिता ओं का महत्व नहीं रहा
- इस सत्य को समझना कि असहाय का कोई सहायक नहीं होता
- नहीं पता
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