[2]
खण्ड-'क'
अधोलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर इसका उचित शीर्षक लिखीए
लिखिए :
"जल ही जीवन है।'' सृष्टि का आरंभ जल से ही है। संसार के सभी प्राणियों के
लिए जल आवश्यक है। जन्म से मृत्यु तक मानव के जीवन के सभी दैनिक क्रियाओं,
संस्कारों और कर्मकांडों में जल का विशेष महत्व है। यही कारण है कि भारतीय
संस्कृति में जल प्रदायनी नदियों को मातृ-स्वरूप पूजा जाता है। इन मातृ-स्वरूपा नदियों
गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी में विशेष अवसरों पर पवित्र स्नान का विशेष
महत्व है। पंचतत्व-आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी में जल अपनी विशिष्टता को
व्यक्त करता है। जल के बिना संसार में जीवन की कल्पना असंभव है।
मानव शरीर में 70% जल होता है। वैज्ञानिक दृष्टि से जल पशु, पक्षी, वनस्पति,
मानव सभी को स्वस्थ रखने के लिए विशेष भूमिका अदा करता है। रसायन शास्त्र के
अनुसार जल के अणु का निर्माण दो (भाग) परमाणु हाइड्रोजन गैस में एक (भाग)
परमाणु ऑक्सीजन गैस के संयोग से होता है। अत: हमारे वातावरण में पर्याप्त मात्रा
में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस का होना भी आवश्यक है। इसके लिए वातावरण में
अन्य गैसों का संतुलन और पर्यावरण को हानिकारक जहरीली गैसों से शुद्ध रखना भी
जरूरी है। साहित्य में भी कवियों ने जल के महत्व को बताते हुए कहा है कि-
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।
पानी गए न उबरें, मोती मानुष चून ॥
उपरोक्त पंक्ति में भी न केवल मनुष्य बल्कि मोती व चूर्ण (आटा) / चूना को
भी अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए जल आवश्यक है। अर्थात् 'सम्मान' के
पर्याय के रूप में जल का महत्व है। जल की महत्ता को पहचानते हुए स्वयं प्रकृति ने
जल-चक्र तैयार किया, जिसमें प्रकृति के पर्वत, पहाड़, नदियाँ, बादल, सागर, वृक्ष, सूर्य
सभी सहयोगी बनकर इस जल-चक्र को संचालित करते हैं। जिससे संसार में जल की
मात्रा का संतुलन बना रहे। औद्योगिकीकरण के कारण जल के प्रदूषित होने का क्रम
आरंभ हुआ। अत: जल को वैज्ञानिक तकनीकी और मानव विवेक से प्रदूषित होने से
बचाना वक्त की माँग है। अन्यथा जल नहीं तो कल नहीं, जल नहीं तो हम नहीं, जल
नहीं तो जीवन नहीं। जल बिना जग सूना।
1A
Answers
Answered by
0
oo tik tok i can't answer
Answered by
0
Explanation:
गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए
Similar questions