2. लेखिका ने गिल्लू के प्राण कैसे बचाये?
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▪︎सब ने कहा कि कौए की चोंच का घाव लगने के बाद वह बच नहीं सकता, अतः ऐसे ही रहने दिया जावे। लेखिका का मन न माना तो उसे हौले से उठा कर अपने कमरे में लायी फिर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया। कई घंटे के उपचार के बाद उसके मुँह में एक बूंद पानी टपकाया जा सकेगा। इस प्रकार लेखिका ने गिल्लू के प्राण बचाये।
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Explanation:
gillu ke prathi Mahadevi Varma Mamta ma thi jab vaha chota sa baccha kank chav hove chonch se tadap Raha thank tab oose helu se othakar Apne kamre me layi aur roi se rakhth pochlar penciling ka marham lagaya istaraha lekikha gillu ke Pran bachaye
AAP ko ye help ful hoga
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