Hindi, asked by ssj6646, 4 days ago

(2) लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनटु देव सब धनुष समाना॥ नान ता है, जो संवा का काम करे। का छति लाभु जून धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरे॥ छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥ बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥ बालकु बोलि बधौं नहि तोही। केवल मुनि जड़ जानहि मोही। बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही॥ भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही॥ सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा। मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर। mahip kisor kise kha gya ha?? reply fast​

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Answered by alpz2007
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Answer:

लक्ष्मण को

Explanation:

परशुराम कह रहेहैं कि राजकुमार (लक्ष्मण ) अपने माता पिता के बारे में सोच !

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