Hindi, asked by anshattri6913, 1 year ago

2. निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-
क. वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो।
चट्टानों की छाती से दूध निकालो |
है रूकी जहाँ भी धार शिलाएँ तोड़ो,
पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो
चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे
योगियों नहीं, विजयी के सदृश जियो रे |
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो, एक ही बार मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे |
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे |
स्वातंत्र्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं, भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है,
स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे |
प्रश्न है-
1) कवि भारतीय युवकों को कैसा जीवन जीने के लिए कहता है ?
ii) “नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है, स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है” से क्या आशय है ?
iii) प्रस्तुत काव्यांश का मूल स्वर स्पष्ट कीजिए | plz answer it because it is urgent ​

Answers

Answered by shishir303
12

(1)

कवि भारत के युवकों साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीने को कहता है। कवि कहता है कि युवकों को अपने मान-सम्मान की रक्षा की खातिर कुछ भी करना पड़े करना चाहिये। युवा लोग क्या नही कर सकते। वो चाहे तो इस संसार में उनके लिये कुछ भी असंभव नही है। चाहे कितना बाधायें आयें तुम मत घबराओं क्योंकि तुम युवा हो। इस मानव जीवन में मौत केवल एक बार ही आनी है, परतंत्रता और असम्मान से जीना बार-बार मरने के समान है इसलिय कुछ ऐसा करो कि मौत भी तुम्हारे पास आने से डरे, और तुम भी मौत से मत डरो मरना तो केवल एक बार ही पर जब भी मरो तो कुछ सम्मानपूर्वक कार्य करके शान से मरो।

(2)

कवि कहता है जो लोग इस संसार में हर मुसीबत का सामना करने के लिये तैयार रहते हैं, जो हर संकट का सामना बहादुरी से करते हैं, विपत्तियों में नही घबराते और हर मुश्किल परिस्थिति में खुद को ढाल लेते हैं, वो लोग इस संसार में टिके रहते हैं, जो ऐसा नही कर पाते वो शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं।

(3)

प्रस्तुत काव्यांश का मूल आशय युवकों के मन में जोश भरना है, उनका प्रेरणा देना है। उनमें देशभक्ति का भावना जगाना है। उनको अपनी युवावस्था का सदुपयोग करना सिखाना है। युवकों को ये बताना है कि वो ठान लें तो क्या कुछ नही कर सकते। युवावस्था मानव के जीवन का स्वर्णिम काल होती है, युवा इस स्वर्णिम समय को भरपूर जियें और इसका महत्व समझे यही कवि का आशय है।

Answered by sunnysingh12011201
4

kave ke anusar maretiyo ki chinta kyi nhi karne chayia

Similar questions