Hindi, asked by Yashkhilwani, 6 months ago

2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए
गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (5)
संकटों से वीर घबराते नहीं
आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में
पूरा
किया
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।
हो सरल अथवा कठिन हो रास्ता
कर्म वीरों को ना इससे वास्ता
बढ़ चले तो अंत तक ही बढ़ चले
कठिनतर गिरि श्रंग ऊपर चढ़ गए
कठिन पथ को देखकर मुस्काते सदा
संकटों के बीच वे गाते सदा
हे असंभव कुछ नहीं उनके लिए
सरल संभव कर दिखाते वे सदा।
यह असंभव कायरों का शब्द है।
कहा था नेपोलियन ने एक दिनाक.
क उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
ख. असंभव के बारे में नेपोलियन का क्या कहना था?
ग. किन गुणों के अभाव में जिंदगी को व्यर्थ कहा गया है
घ. कर्मवीर अपने लक्ष्य को किस तरह हासिल कर लेते हैं?
ड. रास्ते की कठिनाई देखकर कर्मवीर क्या करते हैं?वे असंभव
कार्य को भी कैसे इस सरल बना देते हैं?​

Answers

Answered by shishir303
2

क. उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

► उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक होगा

   ♦ कर्मवीर को कुछ नही अंसभव  ♦

ख. असंभव के बारे में नेपोलियन का क्या कहना था?

► असंभव के बारे में नेपोलियन ने कहा है  कि असंभव शब्द कायरों का शब्द है, अर्थात जो लोग कायर होते हैं, वे अंसभव शब्द का उपयोग करते हैं। कर्मवीरों के लिये कुछ भी असंभव नही है।

ग. किन गुणों के अभाव में जिंदगी को व्यर्थ कहा गया है

► जो लोग संकटों को देखकर ही घबराते, जो कर्मवीर होते है, इन गुणों के बिना जिंदगी व्यर्थ है।

घ. कर्मवीर अपने लक्ष्य को किस तरह हासिल कर लेते हैं?

► कर्मवीर अपने लक्ष्य को निरंतर अपने पथ पर चलकर हासिल कर लेते हैं। वे कहीं पर रुकते नही, बाधाओं से घबराते नही और लक्ष्य पर पहुँचकर ही दम लेते हैं।

ड. रास्ते की कठिनाई देखकर कर्मवीर क्या करते हैं? वे असंभव कार्य को भी कैसे इस सरल बना देते हैं?​

► रास्ते की कठिनाई को देखकर कर्मवीर गीत गुनगुनाने लगते हैं, और संकटों के बीच मुस्कुाते हुए सदैव आगे बढ़ते चले जाते है, और इस तरह वह असंभव कार्य को भी सरल बना देते हैं।

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