Physics, asked by vky74576, 9 months ago

2. नेत्र अपने अंदर आनेवाले प्रकाश की मात्रा को किस प्रकार
नियंत्रित करता है?​

Answers

Answered by anmolkeshri
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Answer:

आइरिस डायफ्राम है जो प्रकाश की मात्रा का नियंत्रण करता है।

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Answered by sadiaanam
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Answer:

परितारिका या आइरिस की सहायता से आँख के लेंस से होकर जानेवाले प्रकाश के परिमाण को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। अंधेरे में परितारिका के बीच का छिद्र (अभिमुख) जिसे पुतली (pupil) कहते हैं, स्वतः फैल जाती है और तेज रोशनी में सिकुड़ता है।

Explanation:

 परितारिका या आइरिस की सहायता से आँख के लेंस से होकर जानेवाले प्रकाश के परिमाण को घटाया या बढ़ाया जा सकता है।

अंधेरे में परितारिका के बीच का छिद्र (अभिमुख) जिसे पुतली (pupil) कहते हैं, स्वतः फैल जाती है और तेज रोशनी में सिकुड़ता है। अतः कैमरा में जो काम (प्रकाश के परिमाण को नियंत्रित करना) डायफ्राम करता है, वही काम आँख में पुतली करता है। अतः आइरिस की सहायता से नेत्र के लेंस से होकर जानेवाले प्रकाश की मात्रा के द्वारा नियंत्रित होता है।

आइरिस अपने आकार को समायोजित करके आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है। परितारिका एक पतली झिल्ली होती है, जो पुतली को नियंत्रित करती है जो बदले में आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।

यदि आसपास से बहुत अधिक प्रकाश आ रहा है, तो हमारी आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को सीमित करने के लिए पुतली छोटी हो जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी आंखों में प्रवेश करने वाली बहुत सी रोशनी रेटिना और आंखों के लेंस को नुकसान पहुंचा सकती है ।

लेंस लचीला होता है और इसकी वक्रता ज़ोन्यूल्स के माध्यम से सिलिअरी मांसपेशियों द्वारा नियंत्रित होती है। लेंस की वक्रता को बदलकर, कोई व्यक्ति उससे अलग-अलग दूरी पर स्थित वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। इस प्रक्रिया को आवास कहा जाता है।

पुतली नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है। अभिनेत्र लेंस रेटिना पर किसी वस्तु का उलटा तथा वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। रेटिना एक कोमल सूक्ष्म झिल्ली होती है जिसमें बृहत् संख्या में प्रकाश - सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं।

यदि आंख में प्रवेश करने वाला प्रकाश कम है तो पुतली अधिक फैलती है, ताकि अधिक प्रकाश आंख में प्रवेश कर सके वहीं यदि आंख में प्रवेश करने वाला प्रकाश तेज है तो पुतली सिकुड़ जाती है।

मानव नेत्र में लेंस, एक पारभासी संरचना है जो नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश को दृष्टिपटल (रेटिना) पर केंद्रित करती है। यह नेत्र के परितारिका (आइरिस) के पीछे स्थित होता है।

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