2. प्रार्थना मन्त्र कितने हैं?
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भगवान के समक्ष विनम्र होकर इच्छित वस्तु उत्कंठा पूर्वक मांगने को ‘प्रार्थना’ कहते हैं । प्रार्थना में आदर, प्रेम, विनती, श्रद्धा और भक्तिभाव अंतर्भूत हैं । भगवान से प्रार्थना करने से आशीर्वाद तथा कार्य का इच्छित फल मिलता है । साथ ही आत्मशक्ति एवं आत्मविश्वास में वृद्धि होती है । इससे कार्य उत्तम और सफल होता है । मन की शांति मिलती है । स्थिर और शांत मन से किया गया कोई भी काम अच्छा होता है ।’ अब यह वैज्ञानिक प्रयोगोंद्वारा भी सिद्ध हो गया है कि प्रार्थना से व्यक्ति को व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक लाभ होते हैं ।’ (मासिक ‘ऋषि प्रसाद’, नवंबर २०१०) व्यक्ति के हाथों कोई चूक हो गई हो, तो प्रार्थना कर ईश्वर अथवा गुरु की शरण में जाने पर वे क्षमा कर देते हैं ।
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