Hindi, asked by paramjitsingh1003, 2 days ago

2. “ पर अपने ही भीतर प्रतीति नही होती है की मैं किसी का हूँ या कोई मेरा है ।" अ) रचना का नाम लिखो। आ) लेखक को ऐसा प्रतीत क्यों होता है?

Answers

Answered by XxitzmrunknownxX
1

Answer:

कूदना न हो तो बड़ा बुरा मालूम होता है। मैं भीतर हुड़क रहा था। दो-एक दिन. ही तो कूद ...

8 pages·1 MB

Answered by dishamalhan325
1

Explanation:

जब बस चालक ने इंजन स्टार्ट किया तब सारी बस झनझनाने लगी। लेखक को ऐसा प्रतीत हुआ कि पूरी बस ही इंजन है। मानो वह बस के भीतर न बैठकर इंजन के भीतर बैठा हुआ हो। अर्थात् इंजन के स्टार्ट होने पर इंजन के पुर्जो की भांति बस के यात्री हिल रहे थे।

hope it helps

Similar questions