Hindi, asked by bigbous, 1 year ago

2 paragraphs on inportance of education in hindi

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Answered by Rida111
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शिक्षा का महत्व पर निबंध
इस प्रतियोगी संसार में, सभी के लिए शिक्षा प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। उच्च शिक्षा का महत्व नौकरी और अच्छा पद प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक बढ़ गया है। उचित शिक्षा भविष्य में आगे बढ़ने के लिए बहुत से रास्तों का निर्माण करती है। यह हमारे ज्ञान के स्तर, तकनीकी कौशल और नौकरी में उच्च पद को प्राप्त करने के द्वारा हमें सामाजिक, मानसिक और बौद्धिक रुप से मजबूत बनाती है। हरेक बच्चा अपने जीवन में कुछ अलग करने का सपना रखता है। कभी-कभी कुछ माता-पिता भी अपने बच्चे को बड़ा होकर डॉक्टर, आई.ए.एस. अधिकारी, पी.सी.एस. अधिकारी, इंजीनियर या अन्य उच्च पदों पर देखना चाहते हैं। सभी सपनों को सच करने का केवल एक ही रास्ता है, अच्छी शिक्षा।
वो विद्यार्थी जो अन्य क्षेत्रों में दिलचस्पी रखते हैं जैसे; खेल, स्पोर्ट्स, नृत्य, संगीत आदि को डिग्री, ज्ञान कौशलऔर आत्मविश्वास, प्राप्त करने के लिएअपनी शिक्षा के साथ जारी रखते हैं। शिक्षा के राज्यों के अनुसार बहुत से बोर्ड (प्राधिकरण) भी हैं जैसे; यू.पी. बोर्ड, बिहार बोर्ड, आई.सी.एस.ई. बोर्ड, सी.बी.एस.ई. बोर्ड आदि। शिक्षा बहुत अच्छा यंत्र है जो हम सभी को पूरे जीवनभर लाभान्वित करता है।

bigbous: thanks
Rida111: Ur welcome
Answered by rishabhshukla2005
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hey friend
तमसो मा ज्योतिर्गमय” अर्थात् अधंकार से मुझे प्रकाश की ओर ले जाओ- यह प्रार्थना भारतीय संस्कृति का मूल स्तम्भ है । प्रकाश में व्यक्ति को सब कुछ दिखाई देता है, अन्धकार में नहीं ।

प्रकाश से यहाँ तात्पर्य ज्ञान से है । ज्ञान से व्यक्ति का अंधकार नष्ट होता है । उसका वर्तमान और भावी जीने योग्य बनता है । ज्ञान से उसकी सुप्त इन्द्रियाँ जागृत होती हैं । उसकी कार्य क्षमता बढ़ती है जो उसके जीवन को प्रगति पथ पर ले जाती है ।

शिक्षा का क्षेत्र सीमित न होकर विस्तृत है । व्यक्ति जीवन से लेकर मृत्यु तक शिक्षा का पाठ पढ़ता है । प्राचीन काल में शिक्षा गुरुकुलों में होती थी । छात्र पूर्ण शिक्षा ग्रहण करके ही घर वापिस लौटता था । लेकिन आज जगह-जगह सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य होता है ।

वहां पर शिक्षक भिन्न-भिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं । छात्र जब पढ़ने के लिए जाता है तब उसका मानसिक स्तर धीरे-धीरे ऊपर उठने लगता है। उसके मस्तिष्क में तरह-तरह के प्रश्न उठते हैं जैसे- तारे कैसे चमकते हैं ? आकाश में व्यक्ति कैसे पहुँच जाता है ? पृथ्वी गोल है या चपटी ? रेडियो में ध्वनि और टेलीविजन में तस्वीर कैसे आती है ?

इन सब प्रश्नों का उत्तर हमें शिक्षा के द्वारा मिलता है । जैसे-जैसे हम शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारा ज्ञान विस्तृत होता जाता है । ज्ञान का अर्थ केवल शब्द ज्ञान नहीं अपितु अर्थ ज्ञान है । यदि सम्पूर्ण पड़े हुए विषय का अर्थ न जाना जाए तो यह गधे की पीठ पर रखे हुए चंदन के भार की भांति परिश्रम कारक या निरर्थक होता है ।

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