2.राजवंशों की भृकुटी तानने से कवयित्री
का तात्पर्य क्या है?
O (a) तिरछी नज़रों से देखना
O (b) क्रोध भरी नज़रों से देखना
O (c) एक आँख से देखना
O (d) युद्ध के लिए तैयार होना
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2.राजवंशों की भृकुटी तानने से कवयित्री का तात्पर्य क्या है?
इसका सही जवाब होगा,
(b) क्रोध भरी नजरों से देखना
व्याख्या :
‘झांसी की रानी’ कविता में कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान कहती है कि...
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी थी |
अर्थात रानी लक्ष्मीबाई जब झांसी का सिंहासन संभाला तो उन्होंने देश से अंग्रेजों को भगाने का संकल्प लिया जिससे अंग्रेज सरकार उनके खिलाप क्रोध से भर उठी थी।रानी लक्ष्मी बाई के शौर्य को देखकर ऐसा लगता था कि जैसे भारत में जवानी की एक नई लहर आई हो।
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Answer:
ख) क्रोध भरी नजरों से देखना ।
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