2 sanskrit slokes with their meanings in hindi?
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Nishaa ante pibet vaari
din ante pibet dugdham/
bhojn ante pibet takram
veidyasya kim prayojanam
Agaar subah jag ke hum paani piyenge, Raat ko soone se pahle dudh (milk) piyenge va khane ke baad chaach piyenge to fir hame veidya(doctor) ki zarorat nahi hogi/
din ante pibet dugdham/
bhojn ante pibet takram
veidyasya kim prayojanam
Agaar subah jag ke hum paani piyenge, Raat ko soone se pahle dudh (milk) piyenge va khane ke baad chaach piyenge to fir hame veidya(doctor) ki zarorat nahi hogi/
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श्लोक 1 :
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् |
अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम् ||
अर्थात् : आलसी को विद्या कहाँ अनपढ़ / मूर्ख को धन कहाँ निर्धन को मित्र कहाँ और अमित्र को सुख कहाँ |
श्लोक 2 :
आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः |
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति ||
अर्थात् : मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |
i HOPE THIS WILL HELP YOU PLEASE PLEASE MARK IT AS BRAINLIEST
raghav1234:
very well
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