Hindi, asked by Anonymous, 8 months ago

2.'सत्य बोलने से ही समाज में हमारा सम्मान हो सकेगा और हम आनंदपूर्वक
हमारा समय बिता सकेंगे ।'

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Answered by ItzStrawBerry
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ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए : सत्य बोलने से ही समाज में हमारा सम्मान हो सकेगा और हम आनंदपूर्वक हमारा समय बिता सकेंगे।

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘कर्त्तव्य और सत्यता’ नामक पाठ से लिया गया है जिसके लेखक डॉ. श्यामसुन्दर दास हैं। संदर्भ : लेखक सत्यता की महत्ता का वर्णन करते हुए यह वाक्य पाठकों से कहते हैं। स्पष्टीकरण : लेखक कर्त्तव्य और सत्यता के बारे में कहते हैं कि कर्त्तव्य करना हम लोगों का परम धर्म है। कर्त्तव्य और सत्यता के बीच घना सम्बन्ध है। यदि हम सत्यता के साथ अपने कर्तव्य का पालन करेंगे तो हमारे चरित्र की शोभा और बढ़ेगी। इसलिए हम सब लोगों का परम धर्म है कि सत्य बोलने को सबसे श्रेष्ठ मानें और कभी झूठ न बोलें, चाहे उससे कितनी ही अधिक हानि क्यों न होती हो। सत्य बोलने से ही समाज में हमारा सम्मान हो सकेगा और हम आनंद पूर्वक अपना समय बिता सकेंगे क्योंकि सच्चे को सब चाहते हैं और झूठे से सभी घृणा करते हैं। अगर हम कर्तव्य पालन में सत्य मार्ग अपनाएँगे तो हम अपने मन में सदा संतुष्ट और सुखी बने रहेंगे।

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