2) तरेेलाल मेरौ माखन खायौ।
दूपहर दिवस जानि घर सूनो ढूंढि-ढंढोरी आपही आयौ।
खोलि किवारि, पठिै मंदिर मै दधू -दही सब सखनि खवायौ।
ऊखल चढ़ि, सीके कौ लीन्हौ, अनभावत भइुँमैं ढरकायौ।
दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढोटा कौनैंढंग लायौ। सरू स्याम कौं हटकि न राखैतैंही पतू अनोखौ जायौ।
1.कौन किसके पास क्या शिकायत लेकर गई?
2.कृष्ण नेएक गोपी केघर मेंप्रकट क्या किया? 3.गोपी किस पर क्या आरोप लगाती है?
4.गोपी नेयशोदा को उलाहना किस प्रकार दिया?
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1) एक गोपी माता यशोदा के पास कृष्ण की शिकायत लेकर आई कि उनके पुत्र ने अपने सखा के साथ घर में आकर सारा दही-माखन चोरी करके खा गया।
2) कृष्ण एक गोपी के घर में प्रवेश कर घर की साँकल खोलकर, उखल पर चढ़कर छीके पर रखा माखन सखा के साथ मिलकर खा गया और ज़मीन पर भी कुछ बिखेर दिया।
3) गोपी माता यशोदा पर आरोप लगाती है कि वह अपने बेटे कृष्ण को गोरस के नुकसान को बंद करने के लिए नहीं कहती है। उसने ऐसा नटखट बालक नहीं देखा है।
4) गोपी यशोदा को उलाहना देती है कि कृष्ण ने उसके छींके पर रखी हांडी में सारा मक्खन निकालकर स्वयं खा लिया, अपने साथियों को भी खिला दिया और कुछ ज़मीन पर भी बिखेर दिया। वह दोपहर के सुनसान वक्त आया था और मौका पाते ही किवाड़ खोलकर सारा-दूध पी गया।
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