Hindi, asked by mohit117721, 2 months ago

20 लाइन की कविता ऑन वन हमारी जीवन रेखा​

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Answered by mahapatrobandita
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Answer:

वनों में वास करने वाले जंतु कई प्रकार से वनों के विकास और वृद्धि में सहायता करते हैं। वन्य जंतु जब मरते हैं तो सूक्ष्म जीवाणु इनके शरीर का अपघटन कर मृदा में पोषकों की वृद्धि करते हैं। यही पोषक वन्य वनस्पति की

वृद्धि में सहायक होते हैं। वन्य जंतु पेड़-पौधों के फल व बीजों को खाते हैं तथा इन पौधों के अनपचे बीजों को दूर-दूर तक फैलाने का कार्य करते हैं। उन स्थानों पर बीजों के अंकुरण से वन्य वनस्पति का विकास व वृद्धि होती है जिससे वनों | का पुनर्जनन होता है।

Explanation:

अपघटक–ऐसे सूक्ष्मजीव जो मृत जीव-जंतुओं के शरीर कों सरल अवयवों में बाँट देते हैं, अपघटक कहलाते हैं। जीवाणु, कवक, बीटल प्रमुख रूप से अपघटक का कार्य करते हैं। अपघटक वनों में जहाँ मृत जीवों के शरीर का अपघटन कर मृदा में मिलाते हैं वहीं ये वनों में सफाई का कार्य भी करते हैं। पर्यावरण संतुलन में भी अपघटक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वनों के पेड़-पौधे जल को काफी मात्रा में अवशोषित करते हैं जिसके कारण वर्षा जल से बाढ़ की रोकथाम हो जाती है। साथ ही पेड़-पौधे और अन्य वनस्पति जल के स्वतंत्र बहाव को रोकते हैं जिससे बाढ़ों की रोकथाम होती है।

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