20 मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग करें
Answers
Answer:
1. अँगारे बरसना—अत्यधिक गर्मी पड़ना।
जून मास की दोपहरी में अंगारे बरसते प्रतीत होते हैं।
2. अंगारों पर पैर रखना-कठिन कार्य करना।
युद्ध के मैदान में हमारे सैनिकों ने अंगारों पर पैर रखकर विजय प्राप्त की।
3. अँगारे सिर पर धरना—विपत्ति मोल लेना।
सोच-समझकर काम करना चाहिए। उससे झगड़ा लेकर व्यर्थ ही अंगारे सिर पर मत धरो।
4. अँगूठा चूसना-बड़े होकर भी बच्चों की तरह नासमझी की बात करना।
कभी तो समझदारी की बात किया करो। कब तक अंगूठा चूसते रहोगे?
5. अँगूठा दिखाना-इनकार करना।
जब कृष्णगोपाल मन्त्री बने थे तो उन्होंने किशोरी को आश्वासन दिया था कि जब उसका बेटा इण्टर कर लेगा तो वह उसकी नौकरी लगवा देंगे। बेटे के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर किशोरी ने उन्हें याद दिलाई तो उन्होंने उसे अँगूठा दिखा दिया।
6. अँगूठी का नगीना-अत्यधिक सम्मानित व्यक्ति अथवा वस्तु।
अकबर के नवरत्नों में बीरबल तो जैसे अंगूठी का नगीना थे।
7. अंग-अंग फूले न समाना-अत्यधिक प्रसन्न होना। राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या का अंग-अंग फूले नहीं समाया।
8. अंगद का पैर होना-अति दुष्कर/असम्भव कार्य होना।
यह पहाड़ी कोई अंगद का पैर तो है नहीं, जिसे हटाकर रेल की पटरी न बिछाई जा सके।
9. अन्धी सरकार—विवेकहीन शासन।
कालाबाजारी खूब फल-फूल रही है, किन्तु अन्धी सरकार उन्हीं का पोषण करने में लगी है।
10. अन्धे की लाठी लकड़ी.होना-एकमात्र सहारा होना। निराशा में प्रतीक्षा अन्धे की लाठी है।
11. अन्धे के आगे रोना-निष्ठुर के आगे अपना दुःखड़ा रोना।।
जिस व्यक्ति ने पैसों के लिए अपनी पत्नी को जलाकर मार दिया, उससे सहायता माँगना तो अन्धे के आगे रोना जैसा व्यर्थ है।
12. अम्बर के तारे गिनना-नींद न आना।
तुम्हारे वियोग में मैं रातभर अम्बर के तारे गिनता रहा।
13. अन्धे के हाथ बटेर लगना-भाग्यवश इच्छित वस्तु की प्राप्ति होना।
तृतीय श्रेणी में स्नातक लोकेन्द्र को क्लर्क की नौकरी क्या मिली, मानो अन्धे के हाथों बटेर लग गई।
14. अन्धों में काना राजा-मूों के बीच कम ज्ञानवाले को भी श्रेष्ठ ज्ञानवान् माना जाता है।
कभी आठवीं पास मुंशीजी अन्धों में काने राजा हुआ करते थे; क्योंकि तब बारह-बारह कोस तक विद्यालय न थे।
15. अक्ल का अन्धा-मूर्ख।
वह लड़का तो अक्ल का अन्धा है, उसे कितना ही समझाओ, मानता ही नहीं है।
16. अक्ल के घोड़े दौड़ाना-हवाई कल्पनाएँ करना।
परीक्षा में सफलता परिश्रम करने से ही मिलती है, केवल अक्ल के घोड़े दौड़ाने से नहीं।
17. अक्ल चरने जाना-मति-भ्रम होना, बुद्धि भ्रष्ट हो जाना।
दुर्योधन की तो मानो अक्ल चरने चली गई थी, जो कि उसने श्रीकृष्ण के सन्धि-प्रस्ताव को स्वीकार न करके उन्हें ही बन्दी बनाने की ठान ली।
18. अक्ल पर पत्थर पड़ना-बुद्धि नष्ट होना।
राजा दशरथ ने कैकेयी को बहुत समझाया कि वह राम को वन भेजने का वरदान न माँगे; पर उसकी अक्ल पर पत्थर पड़े हुए थे; अत: वह न मानी।
19. अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना-मूर्खतापूर्ण कार्य करना। तुम स्वयं तो अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरते हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
20. अगर मगर करना-बचने का बहाना ढूँढना।
अब ये अगर-मगर करना बन्द करो और चुपचाप स्थानान्तण पर चले जाओ, गोपाल को उसके अधिकारी ने फटकार लगाते हुए यह कहा।
please mark my answer as Brianlist answer
Explanation:
if you're still up there and if you're still available for me and I'll let the other know in my email and see how