20 samanarthi shabdh in hindi tell me please and write in hindi
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आनंद- हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लास।
आश्रम- कुटी, विहार, मठ, संघ, अखाडा।
आंसू- नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।
आत्मा- जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।
इच्छा- अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।
इन्द्र- सुरेश, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज।
ईश्वर- परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।
ओंठ- ओष्ठ, अधर, होठ।
कमल- नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात।
कृपा- प्रसाद, करुणा, दया, अनुग्रह।
किताब- पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक।
कपड़ा- चीर, वसन, पट, अंशु, कर, मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।
किरण- ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति, मरीचि।
किसान- कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता।
कृष्ण- राधापति, घनश्याम, वासुदेव, माधव, मोहन, केशव, गोविन्द, गिरधारी।
कान- कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल।
कोयल- कोकिला, पिक, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया।
क्रोध- रोष, कोप, अमर्ष, कोह, प्रतिघात।
गज- हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल ।
गाय- गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, रोहिणी।
गंगा- देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, त्रिपथगl l
Explanation:
अतिथि – मेहमान ,पाहुन ,आगंतुक, अभ्यागत।अश्व- घोड़ा,आशुविमानक, तुरंग, घोटक, हय, तुरंगम, वाजि, सैंधव, रविपुत्र।अधर्म – पाप ,अनाचार, अनीत, अन्याय, अपकर्म, जुल्म।अचल – अडिग ,अटल ,स्थिर ,दृढ, अविचल।अनुपम- अनोखा, अनूठा, अपूर्व, अद्भुत, अद्वितीय, अतुल।अमृत- मधु, सुधा, पीयूष ,अमी, सोम ,सुरभोग।अंबा – माता, जननी, मां, जन्मदात्री, प्रसूता।अलंकार– आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।अहंकार– दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।अरण्य – जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।अंकुश– नियंत्रण, पाबंदी, रोक, अंकुसी, दबाव, गजांकुश, हाथी को नियंत्रित करने की कील, नियंत्रित करने या रोकने का तरीका।अंतरिक्ष– खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल।अंतर्धान– गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य।अंबर– आकाश, आसमान, गगन, फलक, नभ।अंतर्गत– शामिल, सम्मिलित, भीतर आया हुआ गुप्त।आयुष्मान- चिरंजीवी, दीर्घ, जीवी, शतायु ,दीर्घायु।आदर्श- प्रतिमान, मानक, प्रतिरूप ,नमूना।आयु – अवस्था, उम्र, वय, जीवनकाल, वयस्, जिन्दगी ।आभूषण – अलंकार, भूषण, गहना, आभरण, जेवर, टूम ।आँख – नेत्र, नयन, चक्षु, दृग, लोचन, अक्षि, नजर, अक्ष, चश्म।आकाश – नभ, अनन्तं, अभ्रं, पुष्कर, शून्य, तारापथ, अंतरिक्ष, आसमान, फलक, व्योम, दिव, खगोल, गगन, अम्बर।आत्मा – प्राणी, प्राण, जान, जीवन, चैतन्य, ब्रह्म, क्षेत्रज्ञ, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, विभु, जीव ।आयुष्मान – चिरंजीव, दीर्घजीवी, शतायु, दाघायु। आदर्श– प्रतिमान, मानक, प्रतिरूप, नमूना ।आम – अतिसौरभ, रसाल, फलराज, आम्र, सहकार, पिकबंधु, च्युतफल ।