Political Science, asked by shivanikashyap037411, 9 months ago


21. आप इस कथन से सहमत हैं की सांस्कृतिक वैश्वीकरण न केवल निर्धन देशों
के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए खतरनाक है ? अपने उत्तर
विपक्ष में कोई दो तर्क दीजिये।

Answers

Answered by s15165dshasra14968
4

Answer:

त के ओ तेरी मां ही होती आई यह यश और कीर्ति आजाद है और कीर्ति को लेकर उनके मां बाप है नारायण साईं पर है और वह अपने आप ही बता गणेशजी को यह यश चोपड़ा को यह पसंद और वह अपने पति इस बार तो इतना ऐ मेरे दिल को यह र्तययर है और यह र्तययर थ लिएंडर

Explanation:

इथथव

Answered by joinanu14
0

Answer:

वैश्वीकरण में सांस्कृतिक विभिन्नता और सांस्कृतिक समरूपता दोनों ही प्रवृत्तियाँ विद्यमान हैं। यथा सांस्कृतिक समरूपता में वृद्धि-वैश्वीकरण के कारण पश्चिमी यूरोप के देश तथा अमेरिका अपनी तकनीकी और आर्थिक शक्ति के बल पर सम्पूर्ण विश्व पर अपनी संस्कृति लादने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पश्चिमी संस्कृति के तत्त्व अब विश्वव्यापी होते जा रहे हैं। इससे कई परम्परागत संस्कृतियों को खतरा उत्पन्न हो गया है। इस प्रकार यहाँ सांस्कृतिक समरूपता से अभिप्राय केवल पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते प्रभाव से है, न कि किसी नयी विश्व संस्कृति के उदय से।

सांस्कृतिक विभिन्नता में वृद्धि–वैश्वीकरण के द्वारा सांस्कृतिक विभिन्नताएँ भी बढ़ रही हैं तथा नयी मिश्रित संस्कृतियों का उदय हो रहा है। उदाहरण के लिए, अमेरिका की नीली जीन्स, हथकरघे के देशी कुर्ते के साथ पहनी जा रही है। यह कुर्ता विदेशों में भी निर्यात किया जा रहा है। इस प्रकार वैश्वीकरण के कारण हर संस्कृति कहीं ज्यादा अलग व विशिष्ट होती जा रही है।

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