21. निम्नलिखित अपठित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
जननी तेरे सभी जात हम जननी तेरी जय हो।
विश्वराज के प्रजातन्त्र में किसको किसका भय है।
हैं व्यक्तित्व स्वतन्त्र हमारे साधित सर्वोदय है।
सीमाओं के बन्धन टूटे प्रलय युद्ध सब पीछे छूटे।
जन-जन ने जीवन रस लूटे, हिंसा रहित हृदय है।
न 1. व्यक्ति की स्वतन्त्रता से क्या सध रहा है?
2 उपर्युक्त पद्यांश का सारांश लिखिए।
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⦿ व्यक्ति की स्वतन्त्रता से क्या सध रहा है?
➲ व्यक्ति की स्वतन्त्रता से सीमाओं के बंधन टूट रहे हैं, प्रलय जैसे युद्ध जिनमें सब कुछ नष्ट हो जाता था, खत्म हो गये हैं, आम जन जीवन का आनंद ले रहा है, लोगों के दिल से हिंसा खत्म हो गयी है।
⦿ उपर्युक्त पद्यांश का सारांश लिखिए।
➲ पद्याशं का सारांश...
हे जननी, तेरी सदा ही जय हो, तेरे निष्कंटक राज में सब भयमुक्त हो गये हैं। लोग हिंसा से मुक्त होकर विनाशकारी युद्धों को पीछे छोड़कर चुके हैं। सीमाओं के बंधन तोड़कर अपने जीवन का आनंद लेने लगे हैं। आम जन की ये स्वतंत्रता ही सबके हित के लिये है।
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10
is padhyansh ka shirshak kon hai
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