21- निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए | (ओपन बुक)
आ रही रवि की सवारी |
नव -किरण का रथ सजा है,
कलि- कुसुम से रथ सजा है,
बादलों-से अनुचरों ने
स्वर्ण की पोशाक धारी
आ रही रवि की सवारी |
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कवि:हरि वंश राय बच्चन
कविता:रवि की सवारी
इस कविता में कवि ने सूर्योदय का चित्रण किया है।
रात के अंधेरे के बाद जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ती है,तो आकाश से पृथ्वी तक एक अद्भुत चित्र बनता है।सारी प्रकृति सूर्य का अपने-अपने ढंग से सूर्य का स्वागत करती है।जब सूर्योदय होता है तब ऐसा प्रतीत होता है कि सूर्य कि सवारी इस रही है।कली और पुष्प से संपूर्ण मार्ग सजाया गया है। बादल मानो सूर्य के स्वागत के लिए रंगीन पोशाक धारण किए हो।
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रात के अंधेरे के बाद जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ती है,तो आकाश से पृथ्वी तक एक अद्भुत चित्र बनता है। सारी प्रकृति सूर्य का अपने-अपने ढंग से सूर्य का स्वागत करती है। जब सूर्योदय होता है तब ऐसा प्रतीत होता है कि सूर्य कि सवारी इस रही है। कली और पुष्प से संपूर्ण मार्ग सजाया गया है।
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