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104- मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं।
मुक्ताफल मुकता चुनें, अब उड़ि अनत न जाहिं।।
1.मानसरोवर के लबालब भरे जल में कौन क्या कर रहा है?
'.2. हंस मुक्त होकर किसका आनंद ले रहे हैं?
3. कवि ने भक्त ह्रदय का या प्रभु साधना मे लगे हुए साधक का प्रतीक किसे माना है?
4.मोती चुगने का क्या आशय है?
5.यहाँ किसकी भक्ति भावना प्रकट हुई है?
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1. मानसरोवर के लबालब तालाब में हंस खेल रहे है, विचरण कर रहे है।
2. हंस मुक्त होकर आजादी और तालाब के मनोरम वातावरण का आनंद ले रहे है।
3. कवि ने साधक का प्रतीक हंसों को माना है।
4. मोती चुग्ने का आशय भक्त की स्वतंत्रता और प्रभु भक्ति के आनंद प्राप्त करने से है।
5. यहां कवि की भक्ति भावना प्रकट हुई है, एक भक्त या हंस के रूप में।
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