) 26. छठी शताब्दी ई. पू. से छठी शताब्दी ई. तक प्रचलित सिक्कों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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छठी शताब्दी ई पू से छठी शताब्दी ई तक प्रचलित सिक्कों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए
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छठी शताब्दी में महाजनपद काल में बनाने वाले सिक्कों को पुराण, कर्शपना या पना कहा जाता था। इसमें गांधार, कुटाला, कुरु, पंचाल, शाक्या, सुरसेना और सुराष्ट्र शामिल हैं। इन सिक्कों का आकार अलग-अलग था और इन पर अलग-अलग चिह्न बने होते थे। इसके बाद मौर्य साम्राज में चंद्रगुप्त मौर्य ने चांदी, सोने, तांबे और सीसे के सिक्के चलवाए।
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छठी शताब्दी में महाजनपद काल में बनाने वाले सिक्कों को पुराण, कर्शपना या पना कहा जाता था। इसमें गांधार, कुटाला, कुरु, पंचाल, शाक्या, सुरसेना और सुराष्ट्र शामिल हैं। इन सिक्कों का आकार अलग-अलग था और इन पर अलग-अलग चिह्न बने होते थे। इसके बाद मौर्य साम्राज में चंद्रगुप्त मौर्य ने चांदी, सोने, तांबे और सीसे के सिक्के चलवाए।
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