3. . 4. 1. किस अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज अपना लक्ष्य निर्धारित किया ? (अ) 1929, लाहौर (ब) 1916, लखनऊ (स) 1931, कराची (द) 1936 असहयोग आंदोलन किसके प्रश्न को लेकर प्रारम्भ हुआ ? (अ) खिलाफत (ब) आर्थिक मामले (स) रोलट एक्ट 1919 के अधिनियम के तहत स्थापित द्वैध प्रशासन से आप क्या समझते हैं ? मुक्ति दिवस से आप क्या समझते है ? क्रिप्स मिशन के प्रमुख प्रस्ताव क्या थे? स्वदेशी आंदोलन के संबंध में बताइये। राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
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Explanation:
लाहौर
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1.अ )31 दिसम्बर 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में कांग्रेस के 'पूर्ण स्वराज' का घोषणा-पत्र तैयार किया तथा 'पूर्ण स्वराज' को कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया। जवाहरलाल नेहरू, इस अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये।
२ स) (स) रोलट एक्ट.
३ 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रांतीय सरकार को मजबूत बनाया गया और द्वैध शासन (diarchy) की स्थापना की गई. ... इस द्वैध शासन का एकमात्र उद्देश्य था – भारतीयों को पूर्ण उत्तरदायी शासन के लिए प्रशासनिक शिक्षा देना. द्वैध शासन के प्रयोग ने भारत में एक नया ऐतिहासिक अध्याय प्रारंभ किया.
४.मुक्ति दिवस एक दिन है, अक्सर एक सार्वजनिक अवकाश होता है, जो एक स्वतंत्रता दिवस के समान एक स्थान की मुक्ति का प्रतीक है। कांग्रेसी सरकारों ने विश्वयुद्ध के बाद देश को स्वतंत्र करने की मांग रखी पर अंग्रेजों ने अनसुना कर दिया। मुस्लिम लीग के नेताओं ने 22 दिसंबर 1939 को देश भर में 'मुक्ति दिवस' मनाने का एलान किया।
5 क्रिप्स मिशन मार्च १९४२ में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत भेजा गया एक मिशन था जिसका उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अपने लिए भारत का पूर्ण सहयोग प्राप्त करना था। सर स्टैफोर्ड क्रिप्स इसके अध्यक्ष थे जो विंस्टन चर्चिल के मंत्रिमंडल के साम्यवादी झुकाव वाले एक वरिष्ट राजनेता एवं मंत्री थे।
6 स्वदेशी आन्दोलन विशेषकर उस आन्दोलन को कहते हैं जो बंग-भंग के विरोध में न केवल बंगाल अपितु पूरे ब्रिटिश भारत में चला। इसका मुख्य उद्देश्य अपने देश की वस्तु अपनाना और दूसरे देश की वस्तु का बहिष्कार करना था। ... भारत में स्वदेशी का पहले-पहल नारा बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने "वंगदर्शन" के 1279 की भाद्र संख्या यानी 1872 ई.
7 गांधी जी ने जमींदारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हड़तालों को का नेतृत्व किया जिन्होंने अंग्रेजी सरकार के मार्गदर्शन में उस क्षेत्र के गरीब किसानों को अधिक क्षतिपूर्ति मंजूर करने तथा खेती पर नियंत्रण , राजस्व में बढोतरी को रद्द करना तथा इसे संग्रहित करने वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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