3-बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय
संकेत बिंदु:-
• विचारपूर्वक कार्य करने का महत्व
• बिना विचारे कार्य करने का प्रभाव
विचारपर्वक कार्य करने की आवश्यकता
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Answer:
बिना बिसारे जो करें सो पाछे पछताय से तात्पर्य है कि जो मनुष्य किसी भी कार्य को करने से पहले कुछ भी नहीं सोचता है व उस कार्य को पहचानता नहीं है और उसे कर ही देता है. फिर उसे अपनी गलती का एहसास होने लगता है तो वह उस समय पछताता हैं.
फिर तो अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गई खेत. मनुष्य को अपने किसी कार्य को करने से पूर्व सोच समझकर ही निर्णय लेना चाहिए ताकि उसे बाद में पछताना न पड़े.
मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है उसमें सोचने समझने की बुद्धि हैं. मनुष्य को भगवान से सब कुछ दिया हैं. भगवान ने मनुष्य को सबसे अधिक बुद्धिमान बनाया हैं और हमारे पास किसी भी कार्य को परखने की क्षमता हैं.
परन्तु कई मनुष्य बहुत आलसी होते है जो कार्य करने से पहले अपनी बुद्धि का बिलकुल भी उपयोग नहीं करते है और दूसरों के कहने पर या उनकी देखा देखी बिना सोचे समझे लोगों को भगवान समझकर उस कार्य को कर देते हैं.
परन्तु जब उनके कार्य का निर्णय या उस कार्य की सत्यता सामने आती है तो वह उस काम को वही छोड़ देता है और इस अमूल्य समय की बर्बादी कर देते हैं. लोग इन पर हंसते भी हैं कि इसने कार्य को बीच में ही छोड़ दिया उनका मजाक बनाते हैं.
और वह उस समय सोचता है कि मैंने ईश्वर द्वारा दी गई बुद्धि का प्रयोग किया होता तो सोच समझकर कार्य करता लोगों के कहने पर भी सोचता न देखे परखे न उसके गुण धर्म पहचाने और न ही उससे होने वाली लाभ हानि को जाने बिना किया.
अब वह समय आ चूका है हम कार्य को कर चुके है हम हमारा समय बर्बाद कर चुके है इसलिए लोगों को अपने कार्य करने से पहले समय जरुर लेना चाहिए. उस पर विचार करना चाहिए, उससे होने वाली लाभ हानि की पहचान होनी चाहिए. ताकि बाद में असफलता या निराशा हाथ लगने पर पछताना न पड़े बुद्धिमान लोग हमेशा सोच समझकर कार्य करते है जिससे उन्हें दुःख न हो और न ही बाद में पछताना पड़े.
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