Hindi, asked by omt66114, 7 days ago

3. भारतीय संस्कृति में कन्या के महत्व को स्पष्ट करते हुये दो अनुच्छेद लिखिये।​

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Answered by ashishredhu96
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Answer:

नारी’। इस शब्द में इतनी ऊर्जा है, कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है। इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कांता आदि हैं और इसका पूर्ण स्वरूप मातृत्व में विकसित होता है। नारी, मानव की ही नहीं अपितु मानवता की भी जन्मदात्री है, क्योंकि मानवता के आधार रूप में प्रतिष्ठित सम्पूर्ण गुणों की वही जननी है।

जो इस ब्रह्माण्ड को संचालित करने वाले विधाता है, उसकी प्रतिनिधि है नारी। अर्थात् समग्र सृष्टि ही नारी है, इसके इतर कुछ भी नही है। इस सृष्टि में मनुष्य ने जब बोध पाया और उस अप्रतिम ऊर्जा के प्रति अपना आभार प्रकट करने का प्रयास किया तो बरबस मानव के मुख से निकला कि –

त्वमेव माता च पिता त्वमेव

त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव।

त्वमेव विधा द्रविणं त्वमेव

त्वमेव सर्वं मम देव देव॥

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