Hindi, asked by vinodkumar892025634, 1 day ago

3. एक शब्द में उत्तर दीजिए।
(क) स्वरों का उच्चारण करने के लिए हमें किसकी सहायता लेनी पड़ती है?
(ख) हिंदी की वर्णमाला में कितने वर्ण हैं?
(ग) ङ्, ब्, ण, न् तथा म् को हम किसके रूप में लिख सकते हैं?​

Answers

Answered by anwesha70
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Answer:

  • मूल स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में कम-से-कम समय लगता है, अर्थात् जिनके उच्चारण में अन्य स्वरों की सहायता नहीं लेनी पड़ती है, मूल स्वर या ह्रस्व स्वर कहलाते हैं; जैसे-अ, इ, उ, ऋ। सन्धि स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में मूल स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है, सन्धि स्वर कहलाते हैं।
  • वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 53 वर्ण होते हैं। इनमें 12 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।
  • सामान्यतया अनुस्वार की ध्वन्यात्मकता को स्पष्ट करने के लिए पंचम वर्ण - 'कवर्ग', 'चवर्ग', 'टवर्ग', 'तवर्ग' एवं 'पवर्ग' के ङ्, ञ्, ण्, न् एवं म्- का व्यवहार किया जाता है। जैसे- गङ्गा - गंगा, दिनाङ्क - दिनांक, पञ्चम - पंचम, चञ्चल - चंचल, कण्ठ - कंठ, कन्धा - कंधा, कम्पन - कंपन आदि।

Answered by MohammadFazil123
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Answer:

मूल स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में कम-से-कम समय लगता है, अर्थात् जिनके उच्चारण में अन्य स्वरों की सहायता नहीं लेनी पड़ती है, मूल स्वर या ह्रस्व स्वर कहलाते हैं; जैसे-अ, इ, उ, ऋ। सन्धि स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में मूल स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है, सन्धि स्वर कहलाते हैं।

वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 53 वर्ण होते हैं। इनमें 12 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।

सामान्यतया अनुस्वार की ध्वन्यात्मकता को स्पष्ट करने के लिए पंचम वर्ण - 'कवर्ग', 'चवर्ग', 'टवर्ग', 'तवर्ग' एवं 'पवर्ग' के ङ्, ञ्, ण्, न् एवं म्- का व्यवहार किया जाता है। जैसे- गङ्गा - गंगा, दिनाङ्क - दिनांक, पञ्चम - पंचम, चञ्चल - चंचल, कण्ठ - कंठ, कन्धा - कंधा, कम्पन - कंपन आदि।

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