3. 'हम भी तो कुछ देना सीखें' - कवि ने ऐसा क्यों
कहा होगा?
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प्रस्तुत प्रश्न ईदगाह पाठ से लिया गया है |इसका लेखक प्रेमचंद जी है |कहानी के माद्यम से हमें पाठ का परिचय दियागया |सन १८८०,जुलाई ३ मेकाशी में एक गरीब घराने आपका जन्म हुआ |इनके बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था |नौकरी करते हुए इन्होने बी. ए. पास किया |इन्हें “उपन्यास सम्राट” भी कहा जाता है |इनकी कहानिया मानसरोवर शीर्षक से आठ खंडो में संकलित है |गोदान ,सेवासदन ,निर्मला आदि इनके प्रमुख उपन्यास है |बढे घरकी बेटी ,कफन आदि प्रमुख है |
छात्रों को कहानी विधा भाषा शैली से परिचित कराते हुए उनमे कहानी कला का विकास करवाना ही कहानी विधा का मुख्य उद्देश्य है |खुशबु भरे फूल हमको नव फूलों के माला देते है | “हम भी तो कुछ देना सीखे “ इसका मतलब हैं पेड़ों से जीवन में हमें कुछ सीखना चाहिये |बिना पूछे बिना वापस कुछ न मांगे पेड़ पौधे सब त्याग करते है|ठीक उसी प्रकार मानव को अवसर पड़ने पर दुसुरों की सहायता करना चाहिए |