3.जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना क्यों आवश्यक है?
13)
4. 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत-इस विचार को आधार बनाते हुए 60-70 शब्दों ने अनुच्छेद लिखिए ।
अथवा
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यदि आपसे पूछा जाये कि क्या आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो ही जवाब हो सकते हैं: हाँ या ना .
अगर जवाब हाँ है तो ये बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि ज्यादातर लोग तो बिना किसी निश्चित लक्ष्य के ही ज़िन्दगी बिताये जा रहे हैं और आप उनसे कहीं बेहतर इस्थिति में हैं. पर यदि जवाब
ना है तो ये थोड़ी चिंता का विषय है. थोड़ी इसलिए क्योंकि भले ही अभी आपका कोई लक्ष्य ना हो पर जल्द ही सोच-विचार कर के अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं.
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Answer:
यदि आपसे पूछा जाये कि क्या आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो ही जवाब हो सकते हैं: हाँ या ना .
अगर जवाब हाँ है तो ये बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि ज्यादातर लोग तो बिना किसी निश्चित लक्ष्य के ही ज़िन्दगी बिताये जा रहे हैं और आप उनसे कहीं बेहतर इस्थिति में हैं.लक्ष्य एक ऐसा कार्य है जिसे हम सिद्ध करने की मंशा रखते हैं
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मनुष्य का जीवन चक्र अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है जिसमें सुख- दु:खु, आशा-निराशा तथा जय-पराजय के अनेक रंग समाहित होते हैं । वास्तविक रूप में मनुष्य की हार और जीत उसके मनोयोग पर आधारित होती है । मन के योग से उसकी विजय अवश्यंभावी है परंतु मन के हारने पर निश्चय ही उसे पराजय का मुँह देखना पड़ता है ।
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