Hindi, asked by upendraburnwal236, 1 month ago

3. कवि तथा कविता का नाम लिखते हुए पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट करें। अब कै राखि लेहु भगवान हौं अनाथ बैठ्यो द्रुम-डरिया, पारधि साथै बान। तकै डर हौं भाज्यो चाहत, ऊपर दुक्यो सचान दुहूँ भाँति दुख भयो आनि यह, कौन उबारै प्रान सुमिरत ही अही डस्यौ पारधी, कर छुट्यौ संधान सूरदास सर लग्यौ सचानही, जय-जय कृपानिधान।​

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Answered by manasijena8679
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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,

चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है।

आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

Answered by BrainlySrijanunknown
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Answer:

3. कवि तथा कविता का नाम लिखते हुए पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट करें। अब कै राखि लेहु भगवान हौं अनाथ बैठ्यो द्रुम-डरिया, पारधि साथै बान। तकै डर हौं भाज्यो चाहत, ऊपर दुक्यो सचान दुहूँ भाँति दुख भयो आनि यह, कौन उबारै प्रान सुमिरत ही अही डस्यौ पारधी, कर छुट्यौ संधान सूरदास सर लग्यौ सचानही, जय-जय कृपानिधान।

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