Hindi, asked by vsjs48, 10 months ago


3. निम्नलिखित काव्य पंक्ति में प्रयुक्त रस का नाम लिखिए-
धात्री सुभद्रा को समझकर माँ मुझे था मानता।
पर आज तू ऐसा हुआ मानो न था पहचानता।​

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Answered by Anonymous
12

Answer:

वात्सल्य रस

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Answered by bhatiamona
4

धात्री सुभद्रा को समझकर माँ मुझे था मानता।

पर आज तू ऐसा हुआ मानो न था पहचानता।

उपरोक्त पंक्तियों में करुण रस है।

करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है। जहाँ पर अपने किसी प्रियजन से बिछड़ने का वियोग या किसी के दूर चले जाने का दुख या किसी अपने के बिछोह से उत्पन्न वेदना होती है, वहां पर करुण रस होता है।

करुण रस में अपने किसी प्रिय से वियोग की अवस्था में पुनः मिलन की आशा समाप्त हो जाती है और सिर्फ शोक ही रह जाता है। यहां पर आहें भरना, छाती पीटना, रोना, दुख व्यक्त करना, भूमि पर गिरना आदि का भाव व्यक्त होता है। करुण रस तब भी उत्पन्न होता है जब किसी प्रिय व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस शोक से उत्पन्न भाव भी करुण रस है। ऊपर दी गई पंक्तियों में किसी के वियोग से उत्पन्न दुख में उस दुख का वर्णन हो रहा है, इसलिए यहां पर करुण रस है।

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