Hindi, asked by dharvivadodara, 1 month ago

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निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मनुष्य तो मनुष्य ही है। पशु-पक्षी जहाँ जन्म लेते हैं, अपने उस देश को प्रेम करते हैं। जंगल में पैदा
हुए किसी जानवर को आप पिंजड़े में बंद कर सकते हैं, उसे लाख आराम पहुँचाने की कोशिश कर सकते हैं,
पर वह सुखी नहीं हो सकता। उसे तो अपने जंगल का देश ही प्यारा लगता है। उसी तरह मुक्त आकाश में
उड़नेवाले पक्षी को पिंजड़े में बंद करके सब तरह का सुख पहुँचाना चाहें, तो भी वह कदापि सुखी नहीं हो
सकता। उसका देश खुला आकाश, पेड़ों की शाखाएँ और घोंसला है। वहाँ वह धूप, वर्षा और ठंड के कष्ट
सहकर भी सुखी रह सकता है।
प्रश्न:

30. इस गद्यखंड से हमें क्या सीख मिलती है?
31. इस गद्यखंड को उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by ahmadmarghoob31
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Explanation:

30. इस गद्यांश से हमें सीख मिलती है कि हमें पशु पक्षियों को पिंजरे में बंद नहीं करना चाहिए वह जंगल में ही खुश रहते हैं।

३१. "अपना घर तो अपना घर होता है"।

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