Hindi, asked by omprakashmalkhe, 4 months ago

3. पत्र लेखन - अनौपचारिक

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र
लेखन कीजिए
विल्या विजया उपकुर, मघर स्मृति , घरमा
से विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर
उत्तीर्ण होने पर अपने मित्र सहेली प्रकाश
प्रिया चौधरी स्टेशन रोड,परना को
बधाई देते हम पा लिखती है​

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Answered by jjain76
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आज के आधुनिक युग में विचारों के आदान-प्रदान के अनेक साधन उपलब्ध हैं, परंतु पत्र लेखन का हमारे जीवन में आज भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। पत्रों को इसी आधार पर दो भेदों में बाँटा जा सकता है

औपचारिक पत्र

अनौपचारिक पत्र

1. औपचारिक पत्र – औपचारिक पत्र हम विभिन्न विभागों तथा अधिकारियों को आवेदन के लिए किसी समस्या के लिए, किसी सूचना के लिए अथवा किसी अन्य सार्वजनिक या व्यापारिक कारण से लिखते हैं। औपचारिक पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

प्रेषक का पता, दिनांक, अभिवादन, स्वनिर्देश हस्ताक्षर आदि बाई ओर से लिखें।

इसके बाद तिथि लिखी जाती है। संक्षेप में पत्र का विषय लिखा जाता है।

इसके बाद संबोधन आता है; जैसे- महोदय, मानवीय या मान्यवर आदि। औपचारिक पत्रों में प्रायः अभिवादन नहीं लिखा जाता है।

इसके पश्चात धन्यवाद लिखा जाता है।

अंत में प्रार्थी, विनीत, आपका आज्ञाकारी, भवदीय आदि जो उचित हो लिखा जाता है तथा लिखने वाला अपना नाम व पता लिखता है।

संबोधन – श्रीमान्, महोदय, मान्यवर, माननीय आदि।

अभिवादन – प्रायः नहीं होता।

अंत के शब्द – प्रार्थी, निवेदक, विनीत, भवदीय/भवदीया।

आपका आज्ञाकारी, आपकी आज्ञाकारिणी आदि।

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