3. रिमझिम-रिमझिम क्या कुछ कहते बूंदों के स्वर, रोम सिहर उठते छूते वे भीतर अंतर । धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर, ज के कण-कण में तृण-तृण को पुलकावलि थर ।।
प्रश्न:
अ. रोम कब सिहर उठते हैं ?
आ. धाराएँ कहाँ झरती हैं?
इ. स के कण-कण से क्या निकलते हैं
ई. तृण के अंकुर क्यों फूट पड़ते हैं ?
उ. पानी की बूंदै छूने से क्या होता है ?
Answers
Answered by
2
Answer:
1) सिहर को छूते ही वे भीतर अंतर।
2) घराएँ धरती पर झरती हैं।
3)
Similar questions