Social Sciences, asked by mizanurali21, 7 months ago

3 से 6 वर्ष के बच्चों के समूह को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान करने के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए ​

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Answered by ankit00000patel
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Explanation:

एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय द्वारा शासन के आदेश पर गुगवारा आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 2 को बाल शिक्षा केंद्र के रूप में विस्तारित किया गया। बुधवार को इस कुंदे का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम पंचायत सरपंच अवध बिहारी असाटी, विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी हेमलता ठाकुर मौजूद रहीं। मुख्य अतिथि ने भारत माता की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी हेमलता ठाकुर ने बाल शिक्षा केंद्रों के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां पर 3 साल से लेकर के 6 साल तक के बच्चे शाला पूर्व शिक्षा प्राप्त करेंगे। क्योंकि हर बच्चा अपने आप में विशिष्ट होता है, उसके अंदर अपनी योग्यता व कौशल छुपे हुए होते हैं। इन्हीं कौशलों और क्षमताओं का विकास बच्चों में शाला पूर्व शिक्षा के माध्यम से किया जाता है। बच्चे के अंदर स्वाभाविक रूप से क्रोध, भय, जिज्ञासा, हर्ष, स्नेह के भाव होते हैं । उसे एवं अन्य का बोध होता है।

उन्होने बताया कि बाल शिक्षा केंद्र में शारीरिक एवं गत्यात्मक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषाई विकास, सामाजिक-संवेगात्मक विकास, सृजनात्मक विकास एवं सुंदर बोध का विकास अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को सिखाया जाएगा। सुपरवाइजर ऋतु जैन ने बताया कि इस अवस्था में बच्चों के विकास को हम दो तरह से देखते हैं। पहला शारीरिक विधि अर्थात शरीर की ऊंचाई वजन और आकार में वृद्धि दूसरा मानसिक विकास की क्षमता हासिल करना तथा कौशल सीखना ही बच्चे के सर्वांगीण विकास के परिचायक हैं।

ग्राम पंचायत सचिव सुधीर जैन ने बच्चों के माता-पिता को बाल शिक्षा केंद्र में बच्चों को भेजने के लिए अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने बच्चों को बाल शिक्षा केंद्र में भेजें। ताकि बाल शिक्षा केंद्र का ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसका लाभ ले सकें। कार्यक्रम में राजेश यादव, वर्षा राजा बुंदेला, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सविता श्रीवास्तव, ज्योति यादव, तुलसीदास कुशवाहा ने भी अपने-अपने विचार बाल शिक्षा केंद्र के बारे में रखे । इस अवसर पर गांव में रैली निकालकर लोगों को नारों के माध्यम से बाल शिक्षा केंद्र की जानकारी दी गई। साथ ही बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र भेजने की अपील की गई। कार्यक्रम में सुपरवाइजर अमृता जैन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सविता श्रीवास्तव, प्रेमलता असाटी, आशा कार्यकर्ता आभा गिरी, जानकी समर्थन संस्था के कार्यकर्ता प्रदीप त्रिपाठी, देशराज, ज्योति यादव , व पंचायत के उपसरपंच किलकोटी लोधी, पंच सुहाग रानी सेन, किरण लोधी, ममता लोधी ,भरत लोधी, भगवानदीन लोधी ,हरिभाई लोधी , गुलाब बाई अहिरवार, सुहाग रानी अहिरवार, बंधु लोधी, जसोदा आदि अन्य ग्रामीण जन मौजूद रहे।

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