Hindi, asked by munnalamunnala0, 4 months ago

(3) साहित्य

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प्र018 निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश का संदर्भ-प्रसंग सहित भावार्थ लिखिये।
ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होई।
सुबरन कलस सुरा भरा साधू निंदा सोई ।।
अथवा
थल-थल में बसता है शिव ही,
भेद न कर क्या हिन्दू-मुसलमा।
ज्ञानी है तो स्वयं को जान,
वही है साहिब से पहचान।।​

Answers

Answered by rahulmauryar51
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Answer:

ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होई।

सुबरन कलस सुरा भरा साधू निंदा सोई ।।.....

कबीर साहेब ने व्यतिगत/गुणों के आधार पर श्रेष्ठता को स्वीकार किया है लेकिन जन्म आधार पर / जाति आधार पर किसी की श्रेष्ठता को नकारते हुए कहा की मात्र ऊँचे कुल में जन्म ले से ही कोई विद्वान् और श्रेष्ठ नहीं बन जाता है, इसके लिए उसमे गुण भी होने चाहिए। यदि गुण हैं तो भले ही वह किसी भी जाती और कुल का क्यों ना हो वह श्रेष्ठ ही है। यदि सोने के बर्तन में शराब भरी हुयी है, तो क्या वह श्रेष्ठ बन जायेगी ? नहीं वह निंदनीय ही रहेगी/ साधू और सज्जन व्यक्ति उसकी निंदा ही करेंगे।

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