3. स्पीति में बारिश एक यात्रा-वृत्तांत है। इसमें यात्रा के दौरान किए गए अनुभवों, यात्रा-स्थल से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का बारीकी से वर्णन किया गया है। आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में कीजिए।
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30मई, 2015 को मैं अपने मित्रों के साथ कुल्लू मनाली गया। करनाल से कुल्लू मनाली तक की मेरी यात्रा आनंदायक थी ।हम सभी मित्र किलोल करते हुए वहां पहुंचे हम कुल्लू में स्थित शाल और स्वेटर आदि सभी ऊनी बस्तर वहां सही दामों मैं उपलब्ध थे। रोहतांग जाने का रास्ता कठिन था। बारिश के कारण फिसलन भी हो गई। जब हम रोहतांग पहाड़ की चोटी पर पहुंचे तो वहां तापमान 0 डिग्री पर था । बर्फ जमी हुई थी। यह एक सरण निक नजारा था। अगले दिन हम मणिकरण दर्शनीय स्थल देखने गए। मणिकरण का रास्ता कठिन था। तंग सड़क के ओर नुकीले पहाड़ और दूसरी और अत्यधिक बहाव के लिए नदी बह रही थी। नदी के एक किनारे पर मणिकरण का गुरुद्वारा बना हुआ था। वहां नदी के किनारे पर गर्म पानी का चश्मा है। उसी गर्म पानी से लंगर पकाया जाता है। श्रद्धालु के किनारे पर जा ठंडा पानी है स्नान करते हैं। मैं मणिकरण में कुदरत का करिश्मा देखने को मिला। मणिकरण और रोहतांग की यात्रा मैं जीवन भर नहीं भुला सकता