3. उद्धव के हृदय में श्री कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का बंधन क्यों नहीं था ?सूरदास ने किन दृष्टांतों या
उदाहरणों से उद्धव को की अनासक्ति को प्रकट किया है?
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language problem
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sorry.....
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- उद्धव निर्गुण ब्रह्म के प्रति विश्वास रखता था । उसका भ्रम रूप आकार से परे था इसलिए वो स्वंय को श्रीकृष्ण के साकार रूप के प्रति नहीं बांध पाया था । उसके हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का बंधन भाव नहीं था ।
- सूरदास ने दृष्टांत तो से उद्भव को अनासक्त और श्री कृष्ण के प्रति भक्ति भाव से सर्वथा मुक्त माना है । जिस प्रकार कमल का पत्ता सदा जल में रहता है पर फिर भी उस पर जल की एक बूंद भी नहीं ठहर पाती , उसी प्रकार उद्धवर श्री कृष्ण के निकट रहकर भी उनके प्रति भक्ति भाव से रहित था । तेल की किसी मटकी को जल के भीतर डुबोने पर उस पर जल की एक भी बूंद नहीं ठहरती , उसी प्रकार उद्धव के हृदय में श्रीकृष्ण की भक्ति थोड़ा सा भी प्रभाव नहीं डाल सकी थी ।
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