300 से 400 शब्दों का अनुच्छेद लिखिए जल ही जीवन है
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जल ही जीवन है (400 शब्द)
हमारी इस धरती का 70 प्रतिशत हिस्सा जलीय है, समुद्र जो की सबसे बड़ा जल का स्त्रोत है वो पूरी धरती में फैला हुआ जल का विशाल भंडार है। किन्तु मनुष्य और अन्य जीवों के लिए पीने के लिए और अन्य कार्यों में उपयोग के लिए जिस जल की आवश्यकता है वह इस धरती पर सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। इसलिए आज हमें यह कहने की जरूरत है की - जल ही जीवन है और आज से ही हमें इसे व्यर्थ ना करने की कसम खानी चाहिए ।
हमारी पृथ्वी पर अब उपयोग करने लायक जल धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है और इसका बड़ा कारण भी हम मनुष्य ही हैं। अगर इसी तरह से हम प्रकृति का नाश करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब तीसरा विश्वयुद्ध जल के लिए होगा।
हम कुछ दिन भोजन के बिना रह सकते हैं लेकिन जल के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते क्यूंकी मनुष्य के शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल का है।
अगर आज भी हम अपने आपको जागरूक कर लें और यह प्रण कर लें की प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे, अधिक से अधिक वृक्ष लगाएंगे, जल का सिंचय करेंगे और उसका व्यर्थ प्रयोग नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से हम जल की इस कमी को पूरा कर पाएंगे।
बरसात के समय जो जल धरती पर गिरता है उसका बहुत सा भाग समुद्र में चला जाता है, अगर हम उस जल का तालाब, में जलाशय, कुंड, आदि बनाकर संचय करें तो हम बहुत सारा जल संचय कर सकते हैं और उसका उपयोग अपने रोजिंदा जीवन में कर सकते हैं।
विश्व के कई देश हैं जो समुद्र के खारे पानी को विशेष मशीनों से पीने लायक बनाकर उसे उपयोग में लेते हैं, हमें इसी तरह की टेक्नोलोजी का विकास करना चाहिए। धरती के अंदर जल के स्तर को बढ़ाने के लिए हमें विशेष कदम उठाने की जरूरत है।
जब तक हम जल का व्यर्थ उपयोग बंद नहीं करेंगे तब तक हम जल के भंडार को नहीं बचा सकते। महात्मा गांधीजी हमेशा उतना ही जल लेते थे जितनी आवश्यकता हो, यही सोच हर इंसान को अपनानी होगी।
हमारी आने वाली पीढ़ी को अगर हम जल की कमी से झूझता हुआ नहीं देखना चाहते तो अभी से हमें जागना होगा और अपनी धरती पर जल के भंडार को बचाना होगा। अगर हम नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी क्षमा नहीं करेगी। आइये हम सब "जल ही जीवन है" इस मंत्र को अपने जीवन में आत्मसात करें और जल को बचाएं |
Answer:
ma'am I'm Siddharth
from Varanasi
hope it helps you