300 शब्द का निबंध - अपने शहर को स्वच्छ रखने में आपका योगदान
Answers
Answered by
17
स्वच्छता पर निबंध 5 (300 शब्द)
स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिये बहुत जरुरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित स्वच्छता एक आदत है खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वच्छ रखने की। हमें हर समय अपने आपको शुद्ध, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहन कर रहना चाहिये। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। धरती पर हमेशा के लिये जीवन को संभव बनाने के लिये अपने शरीर की सफाई के साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (भूमि, पानी, खाद्य पदार्थ आदि) को भी बनाए रखना चाहिये।
स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनाता है। सामान्यत:, हमने हमेशा अपने घर में ये ध्यान दिया है कि हमारी दादी और माँ पूजा से पहले स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होती है, ये कोई अलग बात नहीं है, वो बस साफ-सफाई को हमारी आदत बनाना चाहती है। लेकिन वो गलत तरीका अपनाती है क्योंकि वो स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे को नहीं बताती है इसी वजह से हमें स्वच्छता का अनुसरण करने में समस्या आती है। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरुरत आदि के बारे में अपने बच्चों से बात करनी चाहिये। उन्हे जरुर बताना चाहिये कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है।
अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये। हमे साबुन से नहाना, नाखुनों को काटना, साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिये। घर को कैसे स्वच्छ और शुद्ध बनाए ये हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिये। हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिये ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैले। कुछ खाने से पहले और खाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिये। हमें पूरे दिन साफ और शुद्ध पानी पीना चाहिये, हमें बाहर के खाने से बचना चाहिये साथ ही ज्यादा मसालेदार और तैयार पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिये।
स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिये बहुत जरुरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित स्वच्छता एक आदत है खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वच्छ रखने की। हमें हर समय अपने आपको शुद्ध, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहन कर रहना चाहिये। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। धरती पर हमेशा के लिये जीवन को संभव बनाने के लिये अपने शरीर की सफाई के साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (भूमि, पानी, खाद्य पदार्थ आदि) को भी बनाए रखना चाहिये।
स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनाता है। सामान्यत:, हमने हमेशा अपने घर में ये ध्यान दिया है कि हमारी दादी और माँ पूजा से पहले स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होती है, ये कोई अलग बात नहीं है, वो बस साफ-सफाई को हमारी आदत बनाना चाहती है। लेकिन वो गलत तरीका अपनाती है क्योंकि वो स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे को नहीं बताती है इसी वजह से हमें स्वच्छता का अनुसरण करने में समस्या आती है। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरुरत आदि के बारे में अपने बच्चों से बात करनी चाहिये। उन्हे जरुर बताना चाहिये कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है।
अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये। हमे साबुन से नहाना, नाखुनों को काटना, साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिये। घर को कैसे स्वच्छ और शुद्ध बनाए ये हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिये। हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिये ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैले। कुछ खाने से पहले और खाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिये। हमें पूरे दिन साफ और शुद्ध पानी पीना चाहिये, हमें बाहर के खाने से बचना चाहिये साथ ही ज्यादा मसालेदार और तैयार पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिये।
Manku12345:
Mark me as brainliest please
Similar questions