31 मार्च, 2016 को लेखा खाते बंद होने के बाद, राम, श्याम तथा मोहन की पूँजी शेष क्रमश: 24,000 रु.
18,000 रु, तथा 12,000 रु. प्रकट होती हैं। लेकिन बाद में यह पता चलता है कि पूँजी पर 5% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज शामिल होने से रह गई है। 31 मार्च, 2016 को वर्ष के अंत में यह लाभ राशि 36,000 रु. होती है तथा साझेदारों के आहरण: राम 3,600 रु., श्याम 4,500 रु. तथा मोहन 2,700 रु. होती है। राम, श्याम एवं मोहन का लाभ विभाजन अनुपात 3:2:1 है। पूँजी पर ब्याज परिकलित कीजिए।
(उत्तर : राम की पूँजी पर ब्याज 480 रु., श्याम की पूँजी पर 525 रु. तथा मोहन की पूँजी पर 435 रु. है)
Answers
राम श्याम मोहन
31 मार्च को पूँजी 24,000 18,000 12,000
जोड़ा : आहरण 3,600 4,500 2,700
घटाया : लाभ (3:2:1) (18,000) (12,000) (6,000)
01 अप्रैल को पूँजी 9,600 10,500 8,700
यहाँ :
पूँजी पर ब्याज = प्रारंभिक पूँजी × दर/100
राम की पूँजी पर ब्याज = 9,600 ×
= 480रु.
श्याम की पूँजी पर ब्याज = 10,500 ×
= 525रु.
मोहन की पूँजी पर ब्याज = 8,700 ×
= 435रु.
राम, श्याम तथा मोहन की प्रारंभिक पूँजी का आंकलन कोष्ठक ( चित्र/ Image ) में दिया है |
यहाँ पे,
पूँजी पर व्याज का दर = 5 %
यहां, ब्याज पर पूँजी = प्रारंभिक पूँजी × दर/100
राम की पूँजी पर ब्याज = 9,600 x 5/100 = 480 रु.
श्याम की पूँजी पर ब्याज = 10,500 x 5/100 = 525 रु.
मोहन की पूँजी पर ब्याज = 8,700 x 5/100 = 435 रु.
इसप्रकार, राम की पूँजी पर ब्याज 480 रु., श्याम की पूँजी पर 525 रु. तथा मोहन की पूँजी पर 435 रु. है |