Biology, asked by kuldeeppanwar8755, 1 month ago

35. वह महायुग जब मानव पहली बार दिखायी
दिया :
2
(A) सीनोजोइक
(B) मीसोजोइक
(C) पैलियोजोइक
(D) प्री-कैम्ब्रियन​

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Answered by Itz2minback
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Answer:

कैंब्रियनपूर्व या प्राक्-कैम्ब्रियन (Pre-Cambrian) धरती के इतिहास में एक बहुत बड़ा कालखण्ड है जो वर्तमान दृश्यजीवी महाकाल से पहले आता है। इसका विस्तार लगभग 4600 मिलियन वर्ष पूर्व (Ma) जब धरती का निर्माण हुआ था से लेकर कैम्ब्रियन काल (लगभग 541.0 ± 1.0 Ma), तक है।

परिचय संपादित करें

स्तर-शैल-विज्ञान में पूर्व-कैंब्रियन भौमिकी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि पृथ्वी के इतिहास का दो तिहाई भाग इस कल्प में निहित है। इस कल्प के सबसे प्राचीन शैल करीब २५० करोड़ वर्ष पुराने हैं। कालांतर में हुए भूवैज्ञानिक परिक्रमणों ने, जिनके अंतर्गत अनेक ज्वालामुखी पर्वतन (Orogenesis) और पटलविरूपण का इतिहास छिपा है, इस युग की शिलाओं में इतने परिवर्तन ला दिए हैं कि उनका असली रूप पहचानना अब एक जटिल समस्या है। इसके अतिरिक्त ये शिलाएँ इतनी कावांतरित, वलित तथा भ्रंशित हो चुकी हैं कि इनका कालतत्व विभाजन एवं समतुल्यता अत्यंत दुष्कर हैं। स्तर-शैल-विज्ञान के साधारण अविनियम इस सिलसिले में लागू नहीं होते। यही कारण है कि अभी भी पूर्व कैंब्रियन शैलसमूहों का ठीक ठीक वर्गीकरण नहीं हो पाया है।

पूर्व केंब्रियन काल दो मुख्य युगों में विभाजित है : एक, जिसमें पृथ्वी के धरातल के अति प्राचीन शैलसमूह आते हैं और दूसरा, जिनमें कैंब्रियन से कुछ समय ही पहले के निक्षिप्त शैल हैं। प्रथम वर्ग को आद्यमहाकल्प (Archaezoic) और द्वितीय वर्ग को प्राग्जीवमहाकल्प (Proterozoic) कहते हैं। भारत में प्राग्जीव-महाकल्प के अंतर्गत पुराना कल्प आता है। भूवैज्ञानिक स्तंभिका के इस दो-तिहाई कल्प का वर्गीकरण उस समय में हुए ज्वालामुखीय प्रवर्तन तथा आग्नेय अंतवेंधन (igneous intrusions) की अवधियों के आधार पर किया गया है।

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