4.
1. 'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?
2 कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं?
3. कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है?
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) जेब टटोली कौड़ी न पाई।
(ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अहंकारी।
5. बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है?
6. ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे
भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है?
2. 'ज्ञानी' से कवयित्री का क्या अभिप्राय है?
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Rassi yaha manushya ki saans ke liye prayukt hua hai aur wah ati kamzor hai us ki dor kabhi bhi kahi bhi toot sakti hai.
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