एकभाषी और निभाषी कोश में अंतर स्पष्ट करते हुए ननम्ननिनखत शब्दों को वर्सक्रमानुसार निनखए : कहानी, हस्तक्षेप, ननर्ासयक, मनोरम, अंधकार, प्रकृ नत, जमीन, शस्त्र, प्रनतयोनगता।
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एकभाषी और द्विभाषी कोश में अंतर स्पष्ट करते हुए निम्नलिखित शब्दों को वर्णक्रमानुसार लिखिए :
कहानी, हस्तक्षेप, निर्णायक, मनोरम, अंधकार, प्रकृति, जमीन, शस्त्र, प्रतियोगिता।
► एकभाषी कोष और द्विभाषी कोश में अंतर...
▬ एकभाषी कोश वह कोश होता है, जो केवल एक भाषा से ही संबंधित होता है, अर्थात जिसमें स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा दोनों एक ही भाषा होती है। जैसे हिंदी-हिंदी शब्दकोश, अंग्रेजी-अंग्रेजी शब्द कोश आदि।
एकभाषी कोश में किसी एक भाषा के शब्दों की व्यापक व्याख्या होती है अर्थात उस शब्द के उसी भाषा में अन्य कितने अर्थ हो सकते हैं और उस शब्द को किन किन अर्थों में प्रयोग किया जा सकता है, वह सब एकभाषी कोश में होता है। एक भाषीकोश में किसी शब्द के बहुत विभिन्न अर्थ दिए जाते हैं, जो क्षेत्रीय अर्थ भी होते हैं। एक भाषी कोश में अप्रचलित और बहुत ही कम प्रचलित शब्दों को भी शामिल किया जाता है तथा मुहावरे, लोकोक्तियों आदि का भी प्रयोग किया जाता है।
▬ द्विभाषी कोश वह कोश होता है, जिसमें स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा दोनों अलग-अलग भाषाएं होती हैं। इसमें स्रोत भाषा के शब्दों का लक्ष्य भाषा के शब्दों में अर्थ दिया जाता है। इस कोश में मूल प्रविष्टियों में स्रोत भाषा की लिपि का ही प्रयोग किया जाता है और इनका इनका वर्ण क्रमानुसार स्रोत भाषा की वर्णमाला के अनुसार होता है।
द्विभाषी कोश में स्रोत भाषा के शब्दों का लक्ष्य भाषा में मानक अर्थ प्रस्तुत किया जाता है तथा अलग अलग संदर्भ में भी अर्थ प्रस्तुत किया जाता है। द्विभाषी कोश में शब्दों का अक्सर उच्चारण भी दिया जाता है जो स्रोत भाषा या लक्ष्य भाषा दोनों में से कोई एक का हो सकता है।
जहाँ एकभाषी कोश किसी एक भाषा के शब्दों को विभिन्न और व्यापक अर्थ में समझने के लिये होता है, वहीं द्विभाषी कोश किसी भाषा शब्दों का अर्थ दूसरी किसी अन्य भाषा में समझने के लिये होता है।
प्रश्न में चूँकि हिंदी को भाषा के शब्द दिये गये हैं, तो ये शब्द एकभाषी या द्विभाषी दोनों कोशों में स्रोत भाषा के ही कहलायेंगे। इनका क्रम वर्णक्रमानुसार इस प्रकार है...
अंधकार → कहानी → जमीन → निर्णायक → मनोहर → प्रकृति → प्रतियोगिता → शस्त्र → हस्तक्षेप।
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