4--"भारत में परिवार के बदलते स्वरूप का वर्णन"---इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करो। it should be of 3 pages
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हर व्यक्ति को अपने मातृभूमि से प्रेम होता है भारत मेरी जन्मभूमि मुझे अपनी जन्मभूमि से बहुत लगाव है प्राचीन काल में भारत सभ्यता और संस्कृति के क्षेत्र में उन्नति के चंगुल में फंस गया उन्होंने नहीं किया बल्कि यहां की संस्कृति की है लेकिन मेरे सपनों का भारत को आर्थिक संबंध स्थापित करे भारत का हर नागरिक आलस्य को त्याग कर स्वालंबन का सहारा लेकर भारत को पूर्ण आर्थिक रूप से संपन्न बढ़ाएं भारत में आज कई सामाजिक बुराइयां जैसे भ्रष्टाचार जातिवादी रिश्वतखोरी आतंकवाद आदि व्याप्त है यही बुराइयां भारत की प्रगति में बाधक बनी हुई है मैं चाहती हूं कि भारत में फैली बुराइयों का अंत हो सभी लोग अपने कर्तव्य के प्रति जागरुक हो और समझदारी से अपने कार्यों को करें मेरे सपनों के भारत में जाति और धर्म के नाम पर लोगों का बंटवारा नहीं होगा तथा सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाएगा लोगों के अंदर प्रेम त्याग अहिंसा पर उपकार की भावना उत्पन्न होगी तब यह देश में सर्वधर्म समभाव उत्पन्न होगा मेरा शौक है कि भारत एक शांतिप्रिय देश बने लेकिन रूप से सक्षम रहें ताकि और आप भी ना उठा सके अगर राष्ट्र कमजोर होगा उसका कोई नहीं होगा मुझे विश्वास है कि भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति को विश्व में भारत आर्थिक रूप से समृद्ध सामाजिक रुप से चरित्रवान और चेतना से तथा तकनीकी रूप से मनोकामना है मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश वर्ष 2050 तक विश्व में आर्थिक राजनैतिक तथा संस्कृत रूप से आगे होगा if there is any mistake in my answer so please tell me I will correct it
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