4. कोई चीज़ जो परत-दर-परत सदियों से जम गई है, उसे शायद तुमने ठोकर मार-मारकर
अपना जूता फाड़ लिया। nihit, vyangya spasht Karen!!!
Answers
Answered by
16
प्रेमचंद जब अपने स्त्री के साथ फ़ोटो खिंचने गए थे तब उन्होंने लक्षित नहीं किया कि उनका जूता फटा हुआ है और उनके पैर का एक उँगली बाहर दिख रहा है। इसलिए लेखक अनुमान करने लगे कि शायद बहुत दिनों से जमी कोई पत्थर या परत इतना सख़्त हो गया कि प्रेमचंद किसी कारणवश अपना गुस्सा निकालने के लिए अपने पैर से उसमें ठोकर मारने लगे और मार-मार कर अपना जूता फाड़ लिए।
hope it helps
agr answer meaningful lga to plz mark it as the brainliest answer
Similar questions