4.परिश्रम को सफलता की कुंजी माना गया है। जीवन में सफलता पुरुषार्थ से ही प्राप्त होती है। कहा भी
है- उद्योगी सिंह पुरुष को लक्ष्मीवरण करती है, जो भाग्यवादी है, उन्हें कुछ नहीं मिलता वे हाथ पर हाथ
धरे रह जाते है। अवसर उनके सामने से निकल जाता है। भाग्य कठिन परिश्रम का ही दूसरा नाम है।
प्रकृति को ही देखिए सारे जड़ चेतन अपने कार्य में लगे रहते है। चींटी को भी पलभर चैन नहीं।
मधुमक्खी जाने कितनी लम्बी यात्रा कर बूंद-बूंद मधु जुटाती है। मुर्गे को सुबह बाँग लगानी ही है। फिर
मनुष्य को बुद्धि मिली है, विवेक मिला है। वह निठल्ला बैठे तो सफलता की कामना करना व्यर्थ है।
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(स) बुद्धि की देवी
(द) घर की देवी
1) लक्ष्मी किसे कहते है?
(आ) विद्या की देवी
(ब) धन की देवी
1) व्यर्थ का अर्थ बताइए?
(अ) कामचोर
(ब) बेकार
iii) चेतन शब्द का विलोम बताइए?
(अ) अचेतन
(ब) अर्थचेतन
iv) मधु शब्द का अर्थ बताइए?
(स) धनवान
(द) मेहनती
(स) पूर्ण चेतन
(द) जीवन
(अ) घी
(द) पानी
(ब) शहद
(स) तेल
७) हाथ पर हाथ धरने का आशय है?
(अ) निकम्मा होना
(ब) मेहनती होना
(स) ध्यान लगाना
5. दिए गए गद्यांश में से 'ता' और 'ई' प्रत्यय वाले दो शब्द छाटिएँ।
क)
(द) ध्यान नदेन
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1) लक्ष्मी किसे कहते है?-ब) धन की देवी
1) व्यर्थ का अर्थ बताइए?-(ब) बेकार
iii) चेतन शब्द का विलोम बताइए? -अ) अचेतन
iv) मधु शब्द का अर्थ बताइए?-(ब) शहद
७) हाथ पर हाथ धरने का आशय है?-(अ) निकम्मा होना
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